विचाराधीन कैदियों को अपनी पसंद के अनुसार जेल चुनने का अधिकार नहीं है; प्राधिकरण ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेने के लिए बाध्य नहींः जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि एक विचाराधीन कैदी को मुकदमे के दौरान अपनी पसंद की जेल चुनने का अधिकार नहीं है और इसलिए, उसे इस संबंध में सुनवाई का अवसर प्रदान करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने यह भी माना कि चूंकि विचाराधीन कैदी को एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित करने से पहले न्यायालय की अनुमति अनिवार्य नहीं है, ऐसी स्थिति में न्यायालय कोई ऐसा न्यायिक या अर्ध-न्यायिक कार्य नहीं करता है, जिसमें अनुमति देने से पहले विचाराधीन कैदी का पक्ष सुनने की आवश्यकता हो।