एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत बयान को इकबालिया बयान के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहराया
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने माना है कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 67 के तहत एक बयान को इस अधिनियम के तहत किसी अपराध के मुकदमे में इकबालिया बयान के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। हालांकि, न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह की पीठ ने ‘तूफान सिंह बनाम तमिलनाडु सरकार (2013)’ के मामले पर भरोसा जताया, जिसमें यह माना गया था कि जिन अधिकारियों को एनडीपीएस अधिनियम की धारा 53 के तहत शक्तियां प्रदान की गयी हैं, वे साक्ष्य अधिनियम की धारा 25 के दायरे में पुलिस अधिकारी हैं।