आज की पॉजिटिव खबर:पिछले साल लॉकडाउन में 30 हजार रुपए की लागत से होममेड मसालों का स्टार्टअप शुरू किया, अब सालाना 35 लाख है टर्नओवर-
ज्यादातर लोग खाने में अदरक, लहसुन और प्याज का इस्तेमाल करते हैं। इससे खाने का टेस्ट अधिक लजीज हो जाता है, लेकिन कई बार इन्हें लंबे समय तक स्टोर करके रखना मुश्किल हो जाता है। इसी परेशानी को कम करने के लिए उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले के रहने वाले अनुभव भटनागर ने लॉकडाउन के दौरान रेडी टू कुक मॉडल पर होममेड प्रिजर्वेटिव फ्री मसालों के पाउडर बनाने का स्टार्टअप शुरू किया है। वे एक दर्जन से ज्यादा प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग देशभर में कर रहे हैं। इस साल उनका टर्नओवर 35 लाख रुपए रहा है।
29 साल के अनुभव के पिता आर्मी ऑफिसर रहे हैं। लिहाजा उनकी पढ़ाई-लिखाई अलग-अलग शहरों में हुई है। 2012 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हैदराबाद में एक कंपनी में ढाई साल काम किया। इसके बाद XLRI जमशेदपुर से डिप्लोमा किया और फिर हैदराबाद लौट आए। यहां उन्होंने करीब 2 साल डिजिटल मार्केटिंग की फील्ड में जॉब किया।
पहले से नहीं था कोई बिजनेस प्लान
अनुभव कहते हैं कि जॉब लाइफ अच्छी चल रही थी। इस तरह के बिजनेस का कोई पहले से प्लान नहीं था। दरअसल पढ़ाई के वक्त से ही मुझे खुद खाना बनाने की आदत थी। जॉब के बाद भी मैं खुद ही कुकिंग करता था। उसी दौरान मेरे दिमाग में ये बात आई कि क्या हम बिना कोई केमिकल मिलाए अदरक और प्याज का लंबे वक्त तक इस्तेमाल कर सकते हैं? क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे इस तरह के प्रोडक्ट बनाएं जा सकें। चूंकि आए दिन हमें इस तरह की दिक्कतें फेस करनी पड़ती हैं कि जब खाना बनाने के दौरान पता चलता है कि प्याज और अदरक नहीं है, या खराब हो गई है।
इसको लेकर अनुभव ने रिसर्च करना शुरू किया। फिर हैदराबाद में ही CFTRI में कॉन्टैक्ट किया। वहां के अधिकारियों से मिले और उन्हें अपनी परेशानी बताई। तब अनुभव को पता चला कि डिहाइड्रेशन तकनीक से वे किसी फूड या फ्रूट की शेल्फ लाइफ को बढ़ा सकते हैं। गांवों में लोग इस तकनीक का इस्तेमाल पापड़, चिप्स या अचार बनाने में करते रहे हैं। यहीं से अनुभव को नया स्टार्टअप शुरू करने का ख्याल आया। अनुभव कहते हैं कि मैंने अपने कुछ दोस्तों से यह आइडिया शेयर किया। उन्हें मुझे सुझाव दिया कि हां, ये स्टार्टअप अच्छा चलेगा।
30 हजार रुपए की लागत से की शुरुआत
अनुभव ने अपने बिजनेस की शुरुआत करीब 30 हजार रुपए के लागत के साथ की। उन्होंने एक ग्राइंडर मशीन खरीदी, एक ओवन लिया। फिर लहसुन और प्याज को डिहाइड्रेट करके पाउडर तैयार किया। इसमें उन्होंने किसी तरह के केमिकल या प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल नहीं किया। डिब्बे में पैक करने के बाद उन्होंने इसे दोस्तों के साथ शेयर किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इससे उन्हें काफी मदद मिली। कई लोगों ने प्रोडक्ट की डिमांड की।
अनुभव कहते हैं कि शुरुआत के एक साल का दौर सीखने और समझने का रहा। मैंने प्रोडक्ट्स बनाने के साथ-साथ मार्केटिंग पर फोकस किया। पहले से बाजार में उपलब्ध प्रोडक्ट्स से कंपेयर किया। क्वालिटी की एनालिसिस की। अलग-अलग एग्जीबिशन में गए। कुछ रिटेलर्स से बात की, उनसे मार्केटिंग स्ट्रैटजी को समझा।
ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी मार्केटिंग
इसके बाद साल 2020 में उन्होंने Zilli’s नाम से खुद की कंपनी रजिस्टर की और घर से ही काम करना शुरू किया। इसी बीच देशभर में लॉकडाउन लग गया। इससे करीब दो महीने के लिए उनका काम बंद रहा। वे अपने लिए इम्प्लॉई हायर नहीं कर पाए थे। जून 2020 से अनुभव ने कॉमर्शियल प्लेटफॉर्म पर कदम रखा। खुद की वेबसाइट के साथ ही उन्होंने फ्लिपकार्ट और अमेजन के जरिए भी अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग शुरू की।
अनुभव बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से एक तरफ जहां कुछ वक्त के लिए उनका काम प्रभावित रहा, वहीं एक बड़ा फायदा ये भी हुआ कि इस दौरान उनके प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ गई। चूंकि लोग बाहर नहीं निकल पा रहे थे, इसलिए ऑनलाइन मार्केटिंग करना फायदेमंद रहा।
पिछले एक साल के दौरान अनुभव ने 12 हजार से ज्यादा कस्टमर्स तक अपने प्रोडक्ट पहुंचाए हैं। इससे 35 लाख रुपए का उनका बिजनेस हुआ है। उनकी ग्रोथ रेट लगातार बढ़ रही है। हैदराबाद में अब उन्होंने खुद का ऑफिस भी खोल लिया है। इसके साथ उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में अपने डीलर्स और रिटेलर्स का नेटवर्क तैयार किया है। जिसके जरिए वे ऑफलाइन मार्केटिंग भी कर रहे हैं।
कैसे तैयार करते हैं प्रोडक्ट्स?
अनुभव बताते हैं कि पहले मैं घर से ही प्रोडक्ट्स तैयार करता था। बाद में जब डिमांड बढ़ गई तो मशीनों की मदद लेनी शुरू कर दी। जो महंगी और बड़ी मशीनें होती हैं, उन्हें हम किराए पर लेकर अपना काम करते हैं।
मसाले तैयार करने के लिए सबसे पहले लहसुन या प्याज को सन ड्राई किया जाता है। फिर उसे मशीन की मदद से अच्छी तरह से सुखाया जाता है। इसके बाद ग्राइंडर की मदद से पीसा जाता है और पाउडर तैयार किया जाता है। इसके बाद क्वालिटी टेस्टिंग की जाती है। फिर पैकेजिंग की जाती है।
फिलहाल उनके पास 13 प्रोडक्ट्स हैं। इसमें गार्लिक पाउडर, जिंजर पाउडर, अनियन पाउडर, मिर्च पाउडर, हल्दी दूध मसाला जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं। अनुभव ने 5 लोगों को रोजगार भी दिया है, जो प्रोडक्शन के साथ-साथ पैकेजिंग में उनकी मदद करते हैं।