‘POCSO कोर्ट के जजों को तमिलनाडु स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमी से ट्रेनिंग लेनी चाहिए’: मद्रास हाईकोर्ट ने कहा, ट्रायल कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट को त्रुटिपूर्ण तरीके से लागू किया
मद्रास हाईकोर्ट ने 7 जुलाई के अपने हालिया फैसले में कहा है कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो एक्ट) के तहत मामलों से निपटने वाली विशेष अदालतों की अध्यक्षता करने वाले न्यायाधीशों को अनिवार्य प्रशिक्षण लेना होगा और ऐसे संवेदनशील मामलों का न्यायिक निर्णय कैसे किया जाए,इस पर उन्हें संवेदीकरण बनाना होगा।
न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन ने यह टिप्पणी उस समय की,जब अदालत के संज्ञान में लाया गया कि सत्र न्यायालय अपराध की तारीख यानी घटना के समय पीड़िता की 8 साल की उम्र पर विचार करने में विफल रहा है और पाॅक्सो एक्ट के प्रावधानों के विपरीत आरोपी को कम कठोर सजा दी गई है।
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