‘नाबालिग बलात्कार पीड़िता की कस्टडी आरोपी के परिजनों को नहीं दी जा सकती’: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने नाबालिग बलात्कार पीड़िता की दुर्दशा से संबंधित स्वत: संज्ञान मामले में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी और कहा कि यह पीड़ित लड़की के हित में नहीं होगा। दरअसल, निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि पीड़िता की कस्टडी आरोपी की भाभी को दी जाए। घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली करीब 12-15 साल की लड़की के साथ घर के मालिक ने कथित तौर पर बलात्कार और यौन शोषण किया। उसे वर्ष 2017 में नेपाल से घरेलू सहायिका के रूप में लाया गया था।