“सिर्फ बयानों में अंसगति होने पर गवाह पर सीआरपीसी की धारा 193 के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक गवाह पर भारतीय दंड संहिता (सीआरपीसी ) की धारा 193 के तहत इसलिए झूठी गवाही के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि उसने अदालत के समक्ष असंगत बयान दिया था। सीजेआई एनवी रमाना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अगर जानबूझकर झूठ नहीं बोला गया है तो झूठी गवाही के लिए अभियोजन का आदेश नहीं दिया जा सकता है। अदालत ने कहा, केवल असंगत बयानों का संदर्भ ही कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त नहीं है जब तक कि एक निश्चित निष्कर्ष नहीं दिया जाता है कि वे असंगत हैं; एक दूसरे का विरोध कर रहा है ताकि उनमें से एक को जानबूझकर झूठा बनाया जा सके।