

राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य की सभी जेलों के अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे सभी पात्र कैदियों को पैरोल पर रिहा होने के उनके अधिकार के बारे में सूचित करें। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने यह निर्देश जारी किया। खंडपीठ ने यह निर्देश एक दोषी याचिकाकर्ता को 14 साल की कैद की सजा काटने के बाद पहली पैरोल दी गई थी। वहीं राजस्थान कैदी रिहाई पर पैरोल नियम, 2021 के नियम 10 में कहा गया है कि अपनी सजा का एक विशेष हिस्सा पूरा कर चुका प्रत्येक कैदी पैरोल पर रिहाई के लिए विचार करने का अधिकारी है।
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