“संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 33: संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत भार क्या होता है (धारा 100)
संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 100 भार की परिभाषा प्रस्तुत करती है भार और बंधक में अंतर होता है। भार का संबंध किसी संपत्ति के ऋण से होता है। जब कभी किसी संपत्ति पर कोई ऋण होता है तब कुछ संपत्ति को भार रखने वाली संपत्ति कहा जाता है तथा ऐसी परिस्थिति में संपत्ति का अंतरण नहीं किया जा सकता है। यह धारा इसी प्रकार के भार का प्रावधान करती हैं तथा संबंधित नियमों को प्रस्तुत करती है। इस आलेख में धारा 100 से संबंधित नियमों को प्रस्तुत किया गया है और उससे संबंधित न्याय निर्णय भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं।