मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को सूर्यास्त के बाद भी फहराता हुआ छोड़ना, शायद जानबूझकर या अनजाने में किया गया भुलक्कड़पन, दुराचार हो, लेकिन यह इसे अवमाननापूर्ण कार्य नहीं कहा जा सकता है। जस्टिस एसए धर्माधिकारी की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि ध्वज संहिता निर्देश मात्र हैं, जिनमें कानून का बल नहीं है, इसलिए सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच राष्ट्रीय ध्वज को फहराना कानून द्वारा निषिद्ध नहीं है।
