“‘बेटियां हमेशा बेटियां होती हैं, बेटे तब तक बेटे होते हैं जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती’: बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत बेटे को बुजुर्ग माता-पिता का फ्लैट खाली करने का निर्देश बरकरार रखा
बाॅम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई निवासी और उसकी पत्नी को बुजुर्ग माता-पिता का घर एक महीने के भीतर खाली करने का निर्देश देते हुए कहा है कि वरिष्ठ नागरिक अधिनियम यह कहता है कि बच्चे या रिश्तेदार वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बाध्य हैं ताकि वे बिना किसी उत्पीड़न के ‘सामान्य जीवन जी सकें’। अदालत ने कहा कि यह व्यक्ति और उसका परिवार उसके माता-पिता की इच्छा के खिलाफ ‘जबरन संपत्ति हड़पने’ के लिए अपने 90 वर्षीय पिता की संपत्ति (जो कि उसने अपनी बेटी को उपहार में दी है) में रह रहे हैं,जो उत्पीड़न है और माता-पिता के सामान्य जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन भी है। तदनुसार, कोर्ट ने रखरखाव न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ बेटे की तरफ से दायर उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उसे परिसर खाली करने के लिए कहा गया था।