“‘बलात्कार पीड़िता की गरिमा को बरकरार रखा जाना चाहिए, जिरह में निंदनीय प्रश्नों को रोकना जज का कर्तव्य’: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को चेतावनी दी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि बलात्कार पीड़िता की गरिमा की रक्षा की जाए और जिरह के दरमियान पूछताछ का मकसद पीड़िता का अपमान करना या उसे परेशान करना न हो। जस्टिस साधना जाधव और जस्टिस सारंग कोतवाल की पीठ ने निचली अदालतों को भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 148, 151 और 152 का इस्तेमाल करने की ताकीद की है। साथ ही कहा है कि अदालतें जिरह की ऐसी दिशा को रोक दें। पीठ ने पीड़िता को भी याद दिलाया है कि उसे बचाव पक्ष के वकीलों के प्रश्नों के जवाब देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।