“”घटना के बाद पुरुष और महिला के बीच विवाह हो जाने पर बलात्कार का अपराध समाप्त नहीं होता”: दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार की एफआईआर रद्द करने से इनकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पुरुष के खिलाफ बलात्कार के आरोपों से संबंधित एक एफआईर को यह कहते हुए रद्द करने से इनकार कर दिया कि पुरुष और महिला के बीच घटना के बाद विवाह होने पर बलात्कार का अपराध समाप्त नहीं हो जाता है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने आईपीसी की धारा 376 और 506 धारा के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता और प्रतिवादी नंबर दो के बीच विवाह होने के बाद उस अपराध माफ नहीं हो सकता है, जैसा कि शिकायतकर्ता ने पहले किया है। यह आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय अपराध एक गंभीर अपराध है। विचाराधीन एफआईआर को दोनों पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है।”