“”ऐसे रिश्ते पूरी तरह से अवैध, असामाजिक हैं”: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक विवाहित व्यक्ति के साथ रहने वाली विधवा महिला को सुरक्षा देने से इनकार किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक विवाहित व्यक्ति के साथ रहने वाली विधवा महिला को सुरक्षा देने से इनकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं के बीच इस तरह के संबंध कानूनी लिव-इन संबंध के दायरे में नहीं आते हैं, बल्कि ऐसे रिश्ते विशुद्ध रूप से अवैध और असामाजिक हैं। न्यायमूर्ति सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ विधवा महिला और उसके साथी (एक विवाहित पुरुष) की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा, “उन्हें पुलिस सुरक्षा देना उनके अवैध संबंधों को मान्यता देना और ऐसे अवैध संबंधों के लिए परोक्ष रूप से सहमति देना होगा, जो वैध नहीं है। इसलिए पुलिस सुरक्षा के अनुरोध को खारिज किया जाता है।”