“एनआई एक्ट की धारा 138 – हाईकोर्ट पार्टियों के बीच समझौते के आधार पर पुनरीक्षण चरण के बाद भी दोषसिद्धि के आदेश को रद्द कर सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि हाईकोर्ट चेक बाउंस के मामले में संबंधित पक्षों द्वारा किये गये समझौतों को ध्यान में रखते हुए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके एक आपराधिक पुनर्विचार में अपने द्वारा पारित दोषसिद्धि के आदेश को रद्द कर सकता है। कोर्ट ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत किए गए अपराध को माफ करने की अनुमति दी है।