“उपभोक्ता संरक्षण नियमों की वैधता को तय करने में बॉम्बे हाईकोर्ट के रास्ते में कोई बाधा नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि उपभोक्ता आयोगों (Consumer Commissions) में रिक्त पदों के मुद्दे से निपटने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा लिया गया स्वत: संज्ञान मामला, केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण नियम 2020 को चुनौती देने में बॉम्बे हाईकोर्ट के रास्ते में कोई बाधा नहीं है। अधिवक्ता डॉ महिंद्रा लिमये द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण नियम 2020 के उन प्रावधानों को चुनौती दी है, जो राज्य आयोगों और जिला फोरम में नियुक्ति के लिए क्रमशः 20 वर्ष और 15 वर्ष का न्यूनतम पेशेवर अनुभव निर्धारित करते हैं।