“पार्टी को डीएनए परीक्षण से गुजरने के लिए मजबूर करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजता के अधिकार का उल्लंघन : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए विवाह के अपूरणीय टूटने या असाध्य होने के कारण एक जोड़े को तलाक दे दिया। कोर्ट ने कहा कि शादी में ‘शुरू से ही सब ठीक नहीं था’ और यह जोड़ा 19 साल से अधिक समय से अलग रह रहा है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम.एम सुंदरेश की बेंच ने कहा, ”यदि पार्टियां शुरू से ही विवाह के उद्देश्य साहचर्य को एक-दूसरे के लिए पूरा नहीं कर पाई हैं और 19 से अधिक वर्षों से अलग रह रही हैं, तो हमारा विचार है कि यदि यह विवाह का अपूरणीय टूटना नहीं है तो यह किस तरह की स्थिति है।”