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‘अफसोस है कि मैं उस सामंती संस्कृति को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सका, जिसमें आप काम करते हैं’: विदाई संदेश में मद्रास हाईकोर्ट स्टाफ से जस्टिस संजीब बनर्जी ने कहा

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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि एक कैदी के परिवार को रिश्तेदार-कैदी से मिलने और बातचीत करने के लिए पहाड़ी इलाकों से मैदानी इलाकों में आने के लिए मजबूर करना, प्रथम दृष्टया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत कैदियों और उनके परिवार के सदस्यों के गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यह बयान देते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार जेलों में भीड़ के कारण कई कैदियों को पहाड़ी जिलों में स्थित जेलों से मैदानी जिलों में स्थानांतरित कर रही है।


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