“अंतर-धार्मिक विवाह- “बालिग लड़की को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार”: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 366 के तहत दर्ज प्राथमिकी रद्द की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण और उससे शादी करने के लिए आईपीसी की धारा 366 (अपहरण या महिला को उससे शादी करने के लिए मजबूर करना आदि) के तहत एक मुस्लिम के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। अदालत महिला (पत्नी/याचिकाकर्ता संख्या 1) और पुरुष (आरोपी/पति/याचिकाकर्ता संख्या 2) द्वारा दायर संयुक्त याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि महिला ने अपने पैतृक घर को अपनी खुद की इच्छा से छोड़ा था और एक बालिग लड़की होने के नाते वह इस्लाम अपनाने और आरोपी के साथ यानी अपनी पसंद की शादी करने के लिए स्वतंत्र थी।